हौसले के बुंदे
तेरे चारो ओर हैं हौसले के बूंदे
मीला ले तो समुद्र बन जाए ।
क्यों है तेरा मन मायूस
अगर तू चाहे और तेरा मन कहे
तो सारा जगत संभल जाए ।
किनारों मे बैठके सपने देख तो सही
क्या पता आज ही वे सच हो जाए ।
क्या पता आज आई है तेरे ही लिए;
और तेरे सपनो को एक उड़ान देने के लिए ।
एक बार सपना तू देख तो सही;
हौसला के बूंदे को पीते पीते ।
क्या पता कब इस हौसले के बूंदे
तेरे लिए सपनो का समुद्र बन जाए ।
~मितांजली
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